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भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु की उच्च स्तरीय जांच की मांग: सुनील शास्त्री

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12 Nov 24
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भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु की उच्च स्तरीय जांच की मांग: सुनील शास्त्री

उदयपुर (डॉ. मुनेश अरोड़ा) – भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु की उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता पर जोर देते हुए उनके पुत्र सुनील शास्त्री ने कहा कि बाबूजी की मौत हार्ट अटैक से नहीं हुई थी, बल्कि उन्हें हमसे छीना गया। एसपीएस विश्वविद्यालय में डी.लिट की मानद उपाधि प्राप्त करने के बाद दिए गए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि उनके पिता असली जननायक थे और देश के लिए जीते थे।

सुनील शास्त्री ने बताया कि वे इस मांग को लंबे समय से उठा रहे हैं और उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस मामले की जांच का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, "जब बाबूजी की हत्या हुई, तब मेरी उम्र केवल 15-16 साल की थी, लेकिन आज भी यह बात मुझे कचोटती है कि उनकी मृत्यु को हार्ट अटैक बताया गया, जबकि सच्चाई कुछ और थी।"

लाल बहादुर शास्त्री के योगदान का उल्लेख करते हुए सुनील शास्त्री ने कहा कि "जय जवान जय किसान" का नारा उन्होंने देश की तत्कालिक आवश्यकता और सम्मान को ध्यान में रखकर दिया था। सुनील ने यह भी बताया कि बाबूजी ने उस समय देश में अन्न संकट के चलते हरित क्रांति के जनक डॉ. एस स्वामीनाथन की सलाह पर देशवासियों से सप्ताह में एक दिन उपवास का आह्वान किया। इस निर्णय से पहले उनका पूरा परिवार स्वयं एक सप्ताह तक उपवास पर रहा था। 

सुनील शास्त्री ने कहा कि उनके पिता हमेशा आम जनता के लिए उपलब्ध रहते थे और प्रधानमंत्री निवास के दरवाजे आम जनता के लिए हमेशा खुले रहते थे। उनकी सादगी और जनता के प्रति समर्पण ने उन्हें जननायक बना दिया था। प्रधानमंत्री रहते हुए भी वे साधारण जीवन जीते थे, दिखावे से दूर रहते और नाममात्र की सुरक्षा रखते थे। 

उन्होंने बताया कि शास्त्री जी अपने जीवन में छोटे-छोटे खर्चों पर ध्यान देते थे। प्रधानमंत्री निवास में रहते हुए भी वे अपनी साबुन की टिकिया को हर बार नहाने के बाद धूप में सुखाते थे ताकि वह लंबे समय तक चले। रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने तीसरे दर्जे के डिब्बों को सुधारने का कार्य किया और उसमें आरामदायक गद्दे लगवाए।

सुनील शास्त्री ने अंत में कहा कि ऐसे महान जननायक और दूरदर्शी नेता को हमें समझने और उनकी मौत की सच्चाई को जानने की आवश्यकता है।


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