कोटा, कोटा में तकनीकी विश्वविद्यालय के 13 वा दीक्षांत समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि संविधान हमारा पवित्र ग्रंथ, ये बदला नहीं जा सकता, इसमें संशोधन किया जा सकता है। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा द्वारा आज अपना 13वाँ दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र तथा सम्मानित अतिथि के रूप में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सभापति प्रोफेसर टीजी सीताराम उपस्थित थे। इस अवसर पर माननीय राज्यपाल श्री मिश्र नें संविधान के मूल कर्तव्यों का वाचन कर समारोह की शुरुआत की एवं उन्होंने 127 विद्यार्थियों को डिग्रीयां एवं 44 स्वर्ण पदक प्रदान किए एवं दीक्षांत समारोह के सफल आयोजन के लिए विश्वविद्यालय और सभी पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई व उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं प्रदान की। कुलसचिव श्री धीरज सोनी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। 13वें दीक्षांत समारोह में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा के विभिन्न सम्बद्ध महाविद्यालयों के निदेशक/प्राचार्य, विश्वविद्यालय प्रबन्ध मण्डल एवं विद्या परिषद के सदस्यगण, अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, राजभवन से पधारे अधिकारीगण, विश्वविद्यालय के समस्त अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, कार्यालयाध्यक्ष, कुलसचिव, समस्त अधिकारी एवं कर्मचारीगण, संकायसदस्य, शिक्षकगण, शिक्षाविद, विद्यार्थी व उनके अभिभावकण, प्रशासनिक अधिकारीण, गणमान्य नागरिक, मीडिया के प्रतिनिधिगण एवं आमंत्रित विशिष्ठ अतिथिगणों ने शिरकत की। अंत में राष्ट्रगान के साथ दीक्षांत समारोह का समापन हुआ।समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा भारत के संविधान की उद्देश्यता दुनिया भर के संविधान की उद्देश्यता से ज्यादा महत्वपूर्ण है। अगर संविधान का सही तरीके से चिंतन मनन करें, तो हम लोगों के द्वारा जो विध्वंसक कार्य होते है, वो विध्वंसक कार्य ना हो। कुछ लोग कहते हैं संविधान बदल दिया जाएगा कहा से बदल दिया जाएगा?
उन्होंने कहा कि संविधान हमारा पवित्र ग्रंथ है। पूजनीय है। ये बदला नहीं जा सकता। संशोधन हो सकता है। सभी को संविधान का अध्ययन करना चाहिए।
13वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए माननीय राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने कहा कि दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं बल्कि नए जीवन का आरम्भ है।