GMCH STORIES

गौरक्षा आज का सर्वोपरि प्राथमिक धर्म

( Read 2163 Times)

29 Aug 24
Share |
Print This Page
गौरक्षा आज का सर्वोपरि प्राथमिक धर्म

बांसवाड़ा, प्रसिद्ध गौ कथाकार एवं मनीषी आध्यात्मिक चिन्तक प्रेममूर्ति निलेश दादा महाराज ने सनातन संस्कृति और परम्पराओं को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए धर्मशास्त्रों और पुरातन जीवन पद्धति के निष्ठापूर्वक अवलम्बन पर जोर दिया है।

उन्होंने कहा कि हमारी हर जीवनदर्शन प्रक्रिया ऋषि-मुनियों के अनुसंधानों और वैज्ञानिक कसौटियों पर खरी और परखी हुई है। इस दिव्य और दैवीय प्रवाह को समझते हुए इनके पूर्ण परिपालन के लिए सनातन विषयों को पूरी निष्ठा और कट्टरता से अपनाने की आवश्यकता है।

श्री निलेश दादा महाराज ने मंगलवार रात श्री पीताम्बरा आश्रम में गायत्री मण्डल द्वारा आयोजित आध्यात्मिक चेतना सभा में यह आह्वान किया।

*गायत्री मण्डल द्वारा अभिनन्दन*

इस अवसर पर गायत्री मण्डल की ओर से आश्रम के मुख्य साधकों पं. चन्द्रेश व्यास, पं. द्रोमिल त्रिवेदी, आश्रम के कार्यक्रम समन्वयक पं. मनोज नरहरि भट्ट एवं पीताम्बरा शक्ति समूह की पुष्पा व्यास ने गौ कथाकार निलेश दादा महाराज का पुष्पहार एवं उपरणा पहनाकर स्वागत तथा शॉल ओढ़ाकर अभिनन्दन किया और धर्म-अध्यात्म जगत की सेवा में उनके अमूल्य योगदान की प्रशंसा की।

*जागृति अभियान के संवाहकों का अभिनन्दन*

इनके साथ ही गायत्री मण्डल की ओर से गायत्री मण्डल के उपाध्यक्ष अनिमेष पुरोहित, पं. गिरीश जोशी ‘रामायणी’, अजय अधिकारी एवं पीताम्बरा शक्ति समूह की श्रीमती नीना पुरोहित ने गौ संरक्षण एवं आध्यात्मिक जागृति अभियान से जुड़े साधक-साधिकाओं हेमन्त पण्ड्या, यशवन्त पण्ड्या, कल्पेश पण्ड्या, श्रीमती अरुणा पण्ड्या, श्रीमती मनोरमा पण्ड्या, ज्योतिषी वैराग्य पण्ड्या, श्रीमती सुनिता फन्दे (महाराष्ट्र) आदि का उपरणा पहना कर अभिनन्दन किया।

*मण्डल एवं आश्रम की गतिविधियां सराहनीय*

गौ कथाकार, प्रेम मूर्ति निलेश दादा (बीलीमोरा) ने गायत्री मण्डल द्वारा वैदिक सनातन संस्कृति और परम्पराओं के संरक्षण-संवर्धन तथा प्रचार के लिए पांच दशकों से जारी प्रयासों की सराहना की और श्री पीताम्बरा आश्रम की आध्यात्मिक गतिविधियों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसे समय की प्राथमिक जरूरत बताया।

गायत्री मण्डल के अध्यक्ष ने इस अवसर पर निलेश दादा महाराज सहित गुजरात एवं महाराष्ट्र से आए धर्मचेता साधकों एवं साधिकाओं को मण्डल के उद्देश्यों एवं गतिविधियों पर विस्तार से जानकारी दी।

*जहाँ गौ सेवा, वहाँ सुख-समृद्धि और सुकून*

गौ कथा, भागवत, देवी भावगत, राम एवं शिव कथाओं के प्रसिद्ध कथाकार निलेश दादा ने अपने प्रवचन में वर्तमान समय में धर्म-अध्यात्म के क्षेत्र में गौवंश के संरक्षण, सेवा एवं गौपालन को सर्वोपरि आवश्यकता बताया और कहा कि जहाँ गौ माता का वास होता है वहां यमदूत, भूत-प्रेत, प्रदूषण, वास्तुदोष, अकाल मृत्यु, वायरल इन्फेक्शन, चन्द्र और सूर्य ग्रहण का असर आदि नहीं होते, वायुमण्डल पवित्र और दिव्य रहता है, ग्रह-नक्षत्र अच्छा फल देते हैं और पितरों तथा देवी-देवताओं की कृपा बरसती रहती है।

*गौकथाओं के श्रवण पर जोर*

उन्होंने कहा कि देवी भागवत, शिव, राम, भागवत आदि कथाओं से कहीं अधिक गौ कथाओं के श्रवण और इनके अनुरूप व्यवहार करते हुए गौसंरक्षण-संवर्धन के लिए समर्पित होकर कार्य करने की आवश्यकता है। यह प्रत्येक सनातन धर्मी का अनिवार्य और अपरिहार्य कर्त्तव्य है।

*देवी-देवताओं की पूजा में गौदुग्ध ही स्वीकार्य*

निलेश दादा महाराज ने कहा कि शिवलिंग सहित देवी-देवताओं पर अभिषेक और सभी प्रकार के धार्मिक कर्मकाण्डों में गौदुग्ध का ही प्रयोग शास्त्रसम्मत एवं धर्मानुकूल है। उन्होंने थैलीबंद दूध को ‘पूतना मौसी’ की संज्ञा दी और कहा कि आज घर-घर में संकर गायों के दूध का हो रहा इसका उपयोग आत्मघाती और पीढ़ियों को बरबाद कर देने वाला है। इस जहर की वजह से घातक बीमारियां पाँव पसार रही हैं।

*हनुमान चरित्र से पाएं शिक्षा, जीवन सँवारें*

उन्होंने कलियुग में हनुमानजी की प्रार्थना और साधना को प्रभावी बताया और कहा कि एकमात्र हनुमानजी का चिन्तन और प्रार्थना से ही संसार के सभी कार्य त्वरित सिद्ध होते हैं। हमें हनुमान चरित्र से शिक्षा लेकर जीवन को सँवारने की आवश्यकता है।

*हनुमान श्रीविग्रह के दर्शन*

इससे पूर्व श्री पीताम्बरा आश्रम परिसर पहुंचने पर निलेश दादा महाराज ने श्री हनुमत्पीठ साधनालय में भगवान श्री हनुमानजी के श्रीविग्रह के दर्शन-पूजन किए और आश्रम का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने भजन सुनाकर उपस्थितजनों को भाव-विभोर कर दिया।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like