मुख्य सड़कों की लाइट ठीक करवाने की मांग की
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04 Nov 16
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नई दिल्ली । नई पीढ़ी-नई सोच संस्था समाज की भलाई के लिए रोजाना कुछ न कुछ कार्य करती रहती है और सरकार को भी जागरूक करती है ताकि सरकार भी जनता की भलाई का कार्य करती रहे। इस बार भी संस्था के संस्थापक व अध्यक्ष श्री साबिर हुसैन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली पीडब्ल्यूडी मंत्री श्री सतेन्द्र जैन व दिल्ली पीडब्ल्यूडी इंजीनियर-इन-चीफ श्री एस. के. श्रीवास्तव को पत्र लिखकर दिल्ली की मुख्य सड़को की लाइट ठीक करवाने की मांग की है।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि दिल्ली में रोजाना हो रहे अपराध का मुख्य कारण कहीं न कहीं मुख्य सड़कों पर लगी लाइटों का न जलना है। मुख्य सड़कों पर अधिकतर लाइट पीडब्ल्यूडी की लगाई गई हैं व इसको ठीक करने की जिम्मेदारी भी इसी विभाग की है। दिल्ली के किसी भी इलाके मंे चले जाओ कहीं भी मुख्य सड़कों पर लगे सारे खंभों पर लाइट नहीं जलती। अगर हम शुरुआत पीडब्ल्यूडी के मुख्यालय से करेंगे तो पाएंगे कि आईटीओ से लक्ष्मी नगर की ओर जाने वाली रोड, आईटीओ के पीछे वाला रिंग रोड, आईटीओ के सामने वाला रोड जो दिल्ली गेट से होता हुआ आईएसबीटी बस अड्डे तक जाता है, राजघाट से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक, नई दिल्ली स्टेशन से कनाट प्लेस को जाने वाला रोड, प्रगति मैदान से निजामुद्दीन तक आदि मुख्य सड़कें हैं जहां पर रोजाना असामाजिक तत्व लोगों से छीना-झपटी करके भाग जाते हैं। पीडब्ल्यूडी के मुख्यालय में ही दिल्ली पुलिस का मुख्यालय भी है यहां पर भी रोजाना कोई न कोई घटना सिर्फ इसलिए हो जाती है क्योंकि रोड पर लगी लाइट जलती नहीं और पैदल चलने वाले इन असामाजिक तत्वों का शिकार हो जाते हैं।
उन्होंने आगे लिखा कि गत दिनों आईटीओ पर ही पीडब्ल्यूडी व दिल्ली पुलिस के मुख्यालय के पीछे कई लोगों को असामाजिक तत्वों का शिकार होना पड़ा। इन्हें कोई पहचाने भी कैसे क्योंकि यह लोग अंधेरे का फायदा उठाकर भाग जाते हैं। इसी आईटीओ की बात करें तो आईटीओ से दिल्ली गेट लगभग 1 किलोमीटर का रास्ता है जिस पर पैदल चलना काफी मुश्किल है क्योंकि इस रास्ते पर लाइट तो लगी है पर जलती है। यदि आपको आईटीओ से दिल्ली गेट होते हुए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन या दरियागंज जाना है तो आप अपनी जान जोखिम में डालकर जाएंगे क्योंकि यहां पर पर्याप्त रोशनी के इंतजाम नहीं हैं। दिल्ली गेट पर ही पुलिस स्टेशन है इसके सामने ही काफी अंधेरा रहता है। यहां पर खड़ा होना या यहां से पैदल दरियागंज होते हुए जामा मस्जिद तक जाना खतरनाक है अगर आप जामा मस्जिद तक पहुंच भी गए तो इसके आगे लाल किले तक जाना काफी मुश्किल है। इसी तरह यहां पर आगे जाना काफी मुश्किल है क्योंकि यहां रोजाना किसी न किसी के साथ दुर्घटना हो जाती है क्योंकि चोर अपना काम करके अंधेरे का फायदा उठाकर भाग जाते हैं। यदि आप कहेंगे कि यहां कैमरे लगे हैं तो वह भी अंधेरे में काम नहीं करेंगे।
उन्होंने पत्र में आगे लिखा कि श्रीमान जी यह वह इलाके हैं जहां से रोजाना कई वीआईपी निकलते हैं और तो और पूरा प्रेस एरिया, पासपोर्ट आफिस, इनकम टैक्स आफिस, दिल्ली पुलिस मुख्यालय, पीडब्ल्यूडी मुख्यालय आदि इस रूट पर हैं तब इन मुख्य सड़कों पर रोशनी के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैंे तो लोकल इलाकों में क्या हाल होगा। इसका अंदाजा आसानी से लगया जा सकता है। इसलिए संस्था चाहती है सभी मुख्य सड़कों की लाइटों को ठीक किया जाए व इन्हें बीच-बीच में चैक किया जाए कि यह जल भी रही हैं या नहीं व इस प्रकार की लापरवाही में जो दोषी हों उन्हें सजा दी जाए।
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