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बंद हो जाएंगे 1 लाख से अधिक स्कूल: नीसा

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13 Feb 16
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नई दिल्ली मुफ्तअनिवार्य शिक्षा देने के उद्देश्य से लागू किया गया शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) ही छात्रों की शिक्षा के राह का सबसे बड़ा रोड़ा बन गया है। आरटीई के दोषपूर्ण उपनियमों के कारण देशभर के 1 लाख से अधिक स्कूलों पर तालाबंदी का खतरा पैदा हो गया है। स्कूलों के बंद होने के कारण कम से कम 2 से 3 करोड़ छात्र सीधे सीधे प्रभावित होंगे। सरकार के इस मनमानीपूर्ण रवैये के विरोध में देशभर के स्कूल संचालक संगठन आगामी 24 फरवरी को जंतर मंतर पर विशाल धरना देंगे और प्रदर्शन करेंगे। कम शुल्क वसूलने वाले छोटे निजी स्कूलों के अखिल भारतीय संगठन, नीसा (नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने ये बातें शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कही।
शर्माने कहा कि मुफ्त शिक्षा, मिड डे मील, यूनिफॉर्म, स्टेशनरी आदि देने के बावजूद छात्रों के अभाव में सरकारी स्कूल बंद हो रहे हैं। लेकिन सरकार यह समझने को तैयार नहीं कि अभिभावक अपने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा चाहते हैं, जिसके लिए वे पैसे खर्च करने को भी तैयार हैं। लेकिन सरकार जानबूझकर ऐसी परिस्थितियां पैदा कर रही है ताकि निजी स्कूल बंद हो जाएं और अभिभावकों को मजबूरी में अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजना पड़े।
सेंटरफॉर सिविल सोसायटी के सहायक निदेशक अमित चंद्र ने कहा कि गुजरात में आरटीई की विसंगतियों से निबटने और निजी स्कूलों को राहत प्रदान करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारगर तरीका निकाला था। उन्होंने स्कूलों की मान्यता बरकरार रखने नए स्कूलों को मान्यता प्रदान करने के लिए अन्य चीजों के अलावा लर्निंग आउटपुट को भी महत्ता दी। अमित ने कहा कि अफसोस की बात है कि मोदी के सफल गुजरात मॉडल को देशभर में लागू करने की बजाए उन्हीं की सरकार इस मॉडल की उपेक्षा कर रही है।
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